बालाघाट -अयोध्या में श्री राम लला का मंदिर 500 वर्षों के बाद पुनः बनने को अब तैयार है. सैकड़ों वर्षो के प्रतीक्षा के बाद एक भव्य राम मंदिर के लिए पूरा देश उत्सुक है. देश का हर समाज हर वर्ग हर पंथ इसमें अपना सहयोग देना चाहता है. इसी वजह से श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान को पूरे देश से समर्थन मिल रहा है.
मंदिर निर्माण के लिए चल रहे निधि समर्पण अभियान में अंशदान और समर्पण सहयोग के लिए जनजाति समाज के लोग भी पूरे देश में बढ़-चढ़कर सक्रियता दिखा रहे हैं. जनजाति समाज भी भगवान श्री राम के जन्म भूमि पर भव्य मंदिर की आकांक्षा रखता है.
वनवास के दिनों में भगवान श्री राम ने अपना अधिकांश समय जनजातियों के बीच ही बताया था इस वजह से जनजाति समाज में भगवान श्रीराम को लेकर एक अलग ही भावुकता है.
जनजाति समाज के सैकड़ों कार्यकर्ता इस अभियान में शामिल होकर समाज के हर वर्ग को जोड़ने के लिए कार्यरत हैं. वहीं दूसरी ओर समाज के लोग भी बढ़-चढ़कर निधि समर्पण में हिस्सा ले रहे हैं. निधि समर्पण अभियान के तहत कार्यकर्ता जिस भी जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में जाते हैं वहां ग्रामीण हर्षोल्लास के साथ स्वागत करते हैं.
माता शबरी जो कि एक वनवासी महिला थीं, उन्होंने भी भगवान श्रीराम का वर्षों तक इंतजार किया था और आज जब मंदिर बन रहा है तो जनजाति समाज का भी कहना है कि हम लोग सहयोग करने में कैसे पीछे रहेंगे जिन से जो भी बन रहा है वह वैसा निधि समर्पण करेगा.
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री सुरेन्द्र सिंह चौहान का कहना है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण को लेकर पूरे हिंदू समाज में उत्साह है. जनजाति समाज के लोग भी पीछे नहीं हैं.
श्री राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए जब भूमि पूजन किया गया उस समय भी जनजाति समाज के 1100 से अधिक पूजा स्थलों की मिट्टी अयोध्या भेजी गई थी.
बालाघाट के परसवाड़ा क्षेत्र के भोरवाही गाँव में जब निधि समर्पण अभियान टोली पहुंची तब गांव वालों ने कहा कि प्रभु श्रीराम हमारे लिए सदैव ही श्रद्धा और गौरव के प्रतीक रहे हैं, हम लोग मंदिर निर्माण में सहयोग कर धन्य हो गए.
छिंदवाड़ा के कुछ गांवों में तो जनजाति समाज के बीच जब धन संग्रह टोली पहुंची तो उनका जोरदार स्वागत किया गया.
इसी प्रकार का दृश्य सिवनी, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर व शहडोल में भी देखने को मिला जहाँ जनजाति वर्ग मे श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु निधि समर्पण में भारी उत्साह देखने को मिला.