इस्लाम के बड़े केंद्र सऊदी अरब नें ‘तबलीगी जमात’ पर प्रतिबन्ध

13 Dec 2021 17:17:16
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राजेश पाठक-
 
आंतकवाद का प्रवेश द्वार बताते हुए इस्लाम के बड़े केंद्र सऊदी अरब नें ‘तबलीगी जमात’ पर प्रतिबन्ध लगा दिया है. सुन्नी इस्लाम में निहित कायदे-कानूनों को बिना अपनी अक्ल लगाये कट्टरता के साथ पालन करने का अपने अनुयायियों से अपेक्षा करने वाले इस संगठन में मजहब की किसी भी अन्य धारा का कोई स्थान नहीं. उम्मीद की जा रही है कि लगभग 100 साल पहले भारत में जन्में इस जमात के विरुद्ध अन्य देश भी कदम उठा सकते है.
 
वैसे इनके हैरान कर देने वाले अजब-गजब किस्सों से इतिहास भरा पड़ा है. कोरोना बीमारी को मोदी के द्वारा रचित षड्यंत्र बताने वाली इस जमात नें भारत में कितना उत्पात मचाया था, और उनको देश की ‘धर्मनिरपेक्ष’ ताकतों का कैसा बुलंद सहारा मिला था, ये बताने कि जरूरत नहीं. लेकिन पाकिस्तान की भी जमात के कारण कितनी नाक में दम रही इसकी भी अपनी अलग मिसालें हैं. हालात ये हो चले थे कि लॉकडाउन को असफल करने के उद्देश्य से तैयार कोरोना की मजाक उड़ाते दिखाने वाले वीडियो की सोशल मीडिया में जैसे बाढ़ ही आ गयी थी.
 
वायरस की जगह औरतों के घटते कपडे और बढ़ती ‘बैहयाई’; झूठ , धोकेबाजी और बईमानी को बीमारी के फैलने का कारण बताने वाले एक मौलाना साहब नें इस बीच अपने विडियो से काफी ख्याति अर्जित की थी. बताते हैं कि आगे चलकर उनके पीछे ही कोरोना पड़ गया. और आधुनिक चिकित्सा करके ही उन्हें इस कोरोना से अपनी जान छूड़ानी पड़ी.
 
इस बीच इमरान की केंद्र सरकार के एक कैबिनेट मंत्री ने ट्वीट करके ये सनसनी फैला दी थी कि देश में तबलीगी जमातीयों ने ही कोरोना फैलाया है . फैसलाबाद का तबलीगी जमात का मुखिया की जब कोरोना से मौत हुई तो सरकार चौकन्नी हो उठी. बाकि तबलीगीयों की धरपकड़ के लिए उसे अपने खुफिया संगठन आईएसआई का सहारा लेना पड़ा था.
 
सच तो ये है तभी दुनिया को सचेत हो जाना था. लेकिन शायद दुनिया भर में शिया, अहमदिया , हाजरा मुसलमानों पर जिस प्रकार नफरत और हिंसा को जायज़ ठहरने का चलन शुरू हो गया है , इसको देख मुस्लिम देशों की समझदार बिरादरी को लगने लगा है कि अब वक्त आ गया है कि इस प्रवृति के विरुद्ध ठोस कदम उठाये जाएँ.
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