भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में एक बार फिर विवाद खड़ा हुआ जब हॉस्टल की चीफ वार्डन आयशा रईस पर छात्राओं ने मंदिर जाने से रोकने का आरोप लगाया। छात्राओं के अनुसार, विश्वविद्यालय परिसर में स्थित मंदिर में जाने पर रोक लगाई गई और सुंदरकांड पाठ में शामिल होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी गई। इस मामले में 22 अक्टूबर को हनुमान मंदिर में सुंदरकांड पाठ के दौरान कुछ छात्राओं के हॉस्टल में थोड़ी देर से लौटने पर वार्डन ने उन्हें डांटते हुए चेतावनी दी कि बिना अनुमति मंदिर जाने पर उन्हें हॉस्टल से निकाला जा सकता है।
इस घटना के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। विद्यार्थी परिषद के छात्र रामधुन गाते हुए इस मुद्दे पर प्रशासन से हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं। इस मामले को लेकर हिंदू संगठनों में भी नाराजगी है, जिन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे।
बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में हाल ही में धार्मिक आयोजनों पर रोक और संबंधित विवादों को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं। इससे पहले दुर्गा उत्सव में फीस न देने का कारण बताकर वाले छात्रों को दुर्गा पूजा से रोकने का मामला भी सामने आया था, जिसे बाद में प्रबंधन द्वारा सुलझाया गया। ऐसे घटनाक्रमों से सवाल उठने लगा है की आखिन यह सब जान बूझकर तो नहीं किया जा रहा.